Allahabad High Court Order: पुलिस की लापरवाही पर नहीं छोड़ी जा सकती नागरिकों की स्वतंत्रता
Allahabad High Court Order
Allahabad High Court Order: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि नागरिकों की स्वतंत्रता को पुलिस की शिथिलता पर नहीं छोड़ा जा सकता। मांगी जानकारी न देने से सुनवाई स्थगित करनी पड़ती है। जो कि न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप है। इसके लिए माफ नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने प्रदेश के डीजीपी को मामले में स्वयं उचित आदेश देने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 13 अक्तूबर को होगी।
कोर्ट ने पेश हुए देश दीपक सिंह क्षेत्राधिकारी हाईवे, मुरादाबाद व दरोगा भोजपुर बिपिन कुमार को अगली तिथि पर हाजिर न होने की छूट दी है। कोर्ट ने आदेश की प्रति महानिबंधक के जरिये डीजीपी भेजने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने विनीत कुमार की अपील की सुनवाई करते हुए दिया है। अपीलार्थी का कहना है कि पीड़िता अस्पताल में भर्ती हुई किंतु कुछ घंटे में ही मौत हो गई। उससे पहले उसने बयान भी दिया, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी हुई है। जो केस डायरी का हिस्सा है।
कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता से जानकारी मांगी। किंतु सूचना के बावजूद कोई जानकारी नहीं दी तो कोर्ट ने सीओ व विवेचक को तलब किया और पूछा कि सूचना के बावजूद जानकारी क्यों नहीं दी। दोनों अधिकारियों ने हाजिर होकर हलफनामा दिया लेकिन इसका कोई जिक्र नहीं किया कि सूचना के बावजूद जानकारी क्यों नहीं दी। जिसके कारण सुनवाई स्थगित करनी पड़ी। कोर्ट ने कहा अधिकांश मामलों में पुलिस के जानकारी नहीं देने के कारण जमानत अर्जियों की सुनवाई स्थगित करनी पड़ती है। इस पर कोर्ट ने डीजीपी को उचित आदेश देने का निर्देश दिया है।